Tuesday, November 18, 2008

जे.एन.यू की छात्र राजनीती

जवाहर लाल नेहरु विश्वविधालय सारे संसार में एक अलग हीं स्थान रखता है, चाहे यहाँ की पढाई की बात हो या यहाँ के शिक्षकों की! लेकिन इस सबसे ऊपर यहाँ की छात्र राजनीती पूरे देश में एक सबसे अच्छा और स्वच्छ राजनीती में देखा जाता है! ऐसे तो भारत में बहुत सी विश्वविधालय हैं, जहाँ छात्र राजनीती होती है मगर जे.एन.यू की तरह छात्र राजनीती कहीं भी होना मुश्किल है! यहाँ की सबसे बङी खूबी यह कि लगभग सारे छात्र यहाँ की राजनीती में रुची लेते हैं और पूरी जोर-सोर से चुनाव में भाग लेते हैं! यही कारण है कि यहाँ पर चुनाव में कभी धांधली नहीं होती है! जबकि भारत के और दूसरी विश्वविधालयों में चुनाव लगभग उसी तरह से होता है, जैसे हमारे देश में आम चुनाव होता है! यहाँ और दूसरे विश्वविधालयों की तुलना यह सबसे बङी खूबी है कि यहाँ का छात्रसंघ चुनाव यहाँ के छात्र हीं कराते हैं, जबकि और जगहों पर उस विश्वविधालयों का प्रशासन चुनाव कराता है! यहाँ चुनाव कराने के सबसे जो फिल्हाल जे.एन.यू छात्रसंघ का अध्यक्ष होता है, वह अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव कराने के लिए सारी संगठनों का एक मींटींग बुलाकर चुनाव की प्रक्रिया के बारे में विचार-विमर्श करता है और उसके बाद आम छात्रों में से चुनाव कराने के लिए कुछ छात्रों को चुना जाता है, उसके बाद चुनाव की आगे की प्रक्रिया फिर सारा चुनाव निगम संभालता है! यहाँ के चुनावों में लगभग ९ य १० संगठन लङते हैं पर मगर प्रमुख रुप से ए.बी.वी.पी, एन.एस.यू.आई, आईसा, एस.एफ.आई, वाई.एफ.ई हीं प्रमुख संगठन हैं, जो सारे कैंपस में छाए दिखते हैं! यह विश्वविधालय जबसे स्थापित हुआ तबसे यहाँ पर कम्नीस्टों शासन देखा गया है, इनमें सबसे ज्यादा एस.एफ.आई का छाप देखा गया है, जो भारत की कम्नीस्ट पार्टी का छात्रसंगठन है! दरसल सी.पी.आई के जो सबसे बङे नेताओं में आते हैं वह भी इसी विश्वविधाल में पढा करते थें और यहीं से राजनीती भी चालू की थी! मैं बात कर रहा हूँ सीताराम येचूरी और प्रकाश करात की! लेकिन आजकल एस.एफ.आई का दिन अच्छा नही चल रहा है! पिछले लगभग एक सालों से आईसा नाम की एक नक्शल छात्रसंग छाई हुई है! जे.एन.यू की छात्रसंघ के चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी एक हीं संघठन ने जे.एन.यू के छात्रसंघ के चारो के चारो सीटों पर विजय हासिल की थी! लेकिन हमारे विश्वविधालय का दुर्भाग्य देखिए कि २००८ का छात्रसंघ चुनाव आधे हीं में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोक लगा दिया गया! इसलिए अभी भी छात्रसंघ के अध्यक्ष वहीं हैं जो २००७ में थें! यहाँ पर कम्नीस्टों का ज्यादा पकङ होने के कारण यहाँ पर छात्रों के लिए कोई प्लेसमेंट सेल की व्यावस्था नहीं है जिसके कारण यहाँ के छात्रों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पङता है! यहाँ के कम्नीस्टों का सबसे प्रचलित नारा है ‘ लाल सलाम’ और वह अपने साथियों को दोस्त नहीं ‘कौमरेड’ कहकर बुलाते हैं! ऐसे यहाँ की छात्रराजनीती पर लिखने के लिए बहुत कुछ पर इतना जे.एन.यू की छात्ररानीती की जानकारी के लिए काफी है!

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