Tuesday, November 18, 2008

माही-माण्डवी छात्रावास

मैं जे.एन.यू में स्थित लङकों के छात्रावास माही-माण्डवी छात्रावास में रहता हूँ! यह छात्रावास जे.एन.यू का सबसे बङा छात्रावास है क्योंकि यह छात्रावास दो छात्रावास से मिलकर बना है! माही और माण्डवी दो छात्रावास को एक साथ मिलाकर एक छात्रावास बनाया गया है! पहले यह छात्रावास माही और माण्डवी दो अलग छात्रावास हुआ करता था! हर छात्रावास की तरह इस छात्रावास में भी हर छात्रावास अध्यक्ष का चुनाव होता है! इस साल २००८ में इस छात्रावास का अध्यक्ष बिना किसी चुनाव के हीं जीत गया! इस छात्रावास में कुल ३७० छात्र हैं! यहाँ सारे छात्र आपस में मिल जुलकर रहते हैं! यह छात्रावास पूरे जे.एन.यू में एक सबसे उमंग और जोसीले छात्रों के नाम से जाना जाता है! यहाँ के मेस का खाना सारे छात्रावास में सबसे अच्छा है, एसा माना जाता है! इस छात्रावास में सारे विषयों के छात्र एक साथ मिलकर रहने से एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने को मिलता है! य़हाँ छात्रों की सुविधाओं के लिए अनेक तरह के खेलने के समान उपस्थित हैं, जब भी आपका मन नहीं लग रहा हो आप टी.वी देख सकते हो, टी.टी खेल सकते हो, बैडमीन्टन खेल सकते हो! यह दो छात्रावास को एक साथ मिलाकर बनाया गया है लेकिन यहाँ के छात्रों में कभी यह भावना नही होती है कि मैं माही छात्रावास का रहने वाला हूँ और मेरा दोस्त माण्डवी छात्रावास का रहने वाला है! यहाँ तक की यहाँ के छात्र चुनाव में भी मेस सेक्रेटरी और छात्रावास कमेटी में ६-६ लोग होतें हैं और यह छात्रावास में यह नियम है कि ३ लोग माही छात्रावास से और ३ लोग माण्डवी छात्रावास से होने चाहिए! फिर भी चुनाव के दौरन भी यहाँ पर कोई मतभेद नहीं होता है! इस छात्रावास कि एक और यह सबसे बङी खूबी यह भी है कि लोग यहाँ सारे धर्म के त्योहार आपस में मेल जुलकर मनाते हैं, चाहे वह मुसलमानों भाईयों का पर्व ईद हो या हिन्दू भाईयों का दिवाली हो या दशहरा हो, सारे पर्व साथ-साथ मिलकर मनाते हैं!

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